बेंगलुरु सॉफ्टवेयर इंजीनियर आत्महत्या केस: सुप्रीम कोर्ट ने दादी की याचिका खारिज की

बेंगलुरु सॉफ्टवेयर इंजीनियर आत्महत्या केस: सुप्रीम कोर्ट ने दादी की याचिका खारिज की

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने बेंगलुरु के मृतक सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष की मां द्वारा अपने पोते की कस्टडी के लिए दायर याचिका को खारिज कर दिया। बच्चा वर्तमान में उसकी मां निकिता सिंघानिया के साथ रह रहा है।

न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने बच्चे से बातचीत के बाद उसे मां के साथ रहने की अनुमति दी। अदालत ने बच्चे की दादी की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि वह इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगी।

दादी ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि उनकी बहू निकिता सिंघानिया बच्चे के ठिकाने को छुपा रही थी। 20 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा और कर्नाटक के राज्यों से जवाब मांगा था और यह निर्देश दिया था कि बच्चे के ठिकाने का पता लगाया जाए।

घटना के अनुसार, बेंगलुरु में सॉफ्टवेयर इंजीनियर सुभाष ने आत्महत्या कर ली थी। अपनी मौत से पहले उन्होंने एक विस्तृत सुसाइड नोट और वीडियो छोड़ा था, जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी निकिता सिंघानिया और उनके परिवार पर उत्पीड़न और झूठे मुकदमे दर्ज करने का आरोप लगाया था।

सुभाष के वीडियो और सुसाइड नोट ने सोशल मीडिया पर भारी बहस छेड़ दी थी, जहां निकिता और उनके परिवार की गिरफ्तारी की मांग की गई। बेंगलुरु पुलिस ने सुभाष की आत्महत्या के बाद निकिता और उनके परिवार के तीन अन्य सदस्यों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 108 और 3(5) के तहत मामला दर्ज किया।

इसके बाद निकिता और उनके परिवार को गिरफ्तार किया गया, लेकिन बाद में उन्हें बेंगलुरु कोर्ट से जमानत मिल गई।



Posted By: Gurjeet Singh