नहीं लग रही छबीलें, शरबत व चीनी की विक्री भी प्रभावित

Date: 31 May 2020
SAPNA RANI, DHURI
संगरूर ,31 मई (सपना रानी) गर्मी के मौसम में राहगीरों की प्यास बुझाने के लिए छबील लगाने का दौर आम है, लेकिन इस बार कोविड-19 के मद्देनजर छबील भी नहीं लग पा रही हैं। दो जून को निर्जला एकादशी के दिन भी पानी की छबीलें लगने की कोई उम्मीद दिखाई नहीं दे रही है। इसका सीधा असर जहां टेंट व डीजे संचालकों व करियाना के दुकानदारों को भुगतना पड़ रहा है, वहीं कारोबार प्रभावित हो रहा है। समाजसेवी संगठनों, दुकानदारों, धार्मिक संस्थाओं द्वारा छबील का आयोजन किया जाता था, लेकिन अब कोई भी संगठन छबील लगाता दिखाई नहीं दे रही है। चीनी की बोरियां खरीदने को तवज्जो देती थी संस्थाएं

आढ़ती प्रेम लाल गर्ग ने बताया कि छबील लगाने के लिए आम लोग, दुकानदार, धार्मिक संगठनों चीनी की बोरियां खरीदने को अधिक तवज्जो देते हैं। आम दिनों में अगर एक माह में 150 के करीब थैले चीनी बिकती हैं, वहीं निर्जला एकादशी के दिन ही 50 थैले अतिरिक्त बिक्री हो जाती है। कई संस्थाएं पहले ही चीनी के लिए मांग कर लेते थे, लेकिन इस बार अभी तक कोई आर्डर नहीं आया है। विवाह शादी के सीजन, छबीलों के समय दौरान चीनी की आम दिनों के मुकाबले अधिक बिक्री होती है। टेंट का काम पूरी तरह ठप, न प्रोग्राम न छबील

पंजाब टैंट हाउस के संचालन नोनी ने बताया कि पिछले दो माह से कामकाज पूरी तरह से ठप है। न कोई शादी-विवाद, न कोई प्रोग्राम ऐसे में टेंट लगाने का कोई आर्डर नहीं मिल रहा है। निर्जला एकादशी के दिन बाजारों में जगह-जगह टेंट लगाने का आर्डर आ जाते थे, लेकिन इस बार अभी तक कोई आर्डर नहीं है। टैंट लगाने व जनरेटर सहित वेटर की भी बुकिग हो जाती थी, लेकिन अब कुछ नहीं। सिगला टेंट हाउस के मालिक प्रदीप सिगला ने बताया कि टैंट का काम चौपट पड़ा हुआ है। कोई काम नहीं मिल रहा है व न ही कोई बुकिग हुई हैा। अगले दिनों में भी काम चलने का कोई आसार नहीं है। लेबर की तनख्वाह, सामान पर खर्च पड़ रहा है, लेकिन कमाई कुछ नहीं है। दो माह से कोई नहीं बुकिग

डीजे, लाइट एंड साउंड सभ्याचारक वेलफेयर एसोसिशन के प्रधान प्रकाश चंद काला ने कहा कि दो माह से कोई बुकिग नहीं हुई है। शहर में लगने वाली छबीलों के लिए पहले संस्थाएं स्पीकर इत्यादि की बुकिग करते थे, लेकिन इस बार कोई बुकिग नहीं हुई है। इसके अलावा विवाह-शादी के सभी प्रकार के प्रोग्राम भी बंद पड़े हैं। डीजे संचालक भूखे मरने के मजबूर हैं और उनके पास अपनी दुकानों का किराया निकालने तक का भी काम नहीं है। सरकार से मांग की है कि उन्हें प्रोग्राम करने की छुट दी जाए, ताकि वह अपने परिवारों का गुजारा चला सके। कोल्ड ड्रिक, शरबत व अन्य साफ्ट ड्रिक की बिक्री भी प्रभावित:-

गोयल ट्रेडिग कंपनी के मालिक जगदीश गोयल ने बताया कि होटल, रेस्टोरेंट, पैलेस इत्यादि बंद होने के कारण साफ्ट ड्रिक की डिमांड काफी गिर गई है। पहले छबील के लिए शरबत, कोल्ड ड्रिक की मांग काफी बढ़ जाती थी। एक माह के दौरान बिकने वाली कोल्ड ड्रिक निर्जला एकादशी पर एक दिन में बिक जाती थी व लोग पहले बुकिग करते थे, लेकिन इस बार स्टाक ज्यों का त्यों पड़ा है। केवल कन्फेक्शनरी पर ही डिमांड हो रही है, जबकि बाकी डिमांड ठप है। छबील लगने के कोई आसार नहीं है। उन्होंने कंपनी से कोई अतिरिक्त माल नहीं मंगवाया है। ऐसे में व्यापार काफी प्रभावित होगा।

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