'एक राष्ट्र, एक समय' की दिशा में बड़ा कदम
- राष्ट्रीय
- 27 Jan,2025
भारतीय मानक समय (IST) में सटीकता और समानता सुनिश्चित करने के लिए उपभोक्ता मामलों के विभाग ने राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला (NPL) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के साथ मिलकर एक महत्वाकांक्षी परियोजना शुरू की है। इस पहल के तहत, पांच कानूनी मेट्रोलॉजी प्रयोगशालाओं के माध्यम से IST को मिलीसेकंड से माइक्रोसेकंड तक की सटीकता के साथ वितरित करने के लिए तकनीक और बुनियादी ढांचा विकसित किया जाएगा।
यह परियोजना नेविगेशन, दूरसंचार, पावर ग्रिड सिंक्रोनाइजेशन, बैंकिंग, डिजिटल गवर्नेंस और गहन वैज्ञानिक अनुसंधान जैसे क्षेत्रों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। हालांकि, वर्तमान में कई टेलीकॉम और इंटरनेट सेवा प्रदाता विदेशी समय स्रोतों जैसे GPS पर निर्भर हैं, जिसके कारण समय प्रबंधन में असमानता बनी रहती है। सरकार का लक्ष्य सभी नेटवर्क और प्रणालियों को IST के साथ अनिवार्य रूप से सिंक्रोनाइज़ करना है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की सुचारू कार्यप्रणाली के लिए जरूरी है।
इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए एक उच्चस्तरीय अंतर-मंत्रालयी समिति का गठन किया गया है, जिसकी अध्यक्षता उपभोक्ता मामलों के सचिव कर रहे हैं। इस समिति में NPL, ISRO, IIT कानपुर, NIC, CERT-In, SEBI और रेलवे, टेलीकॉम व वित्तीय सेवा जैसे प्रमुख सरकारी विभागों के प्रतिनिधि शामिल हैं। समिति का कार्य नीति ढांचा, नियम और 'कानूनी मेट्रोलॉजी अधिनियम, 2009' के तहत IST अपनाने के लिए कानून तैयार करना है।
ड्राफ्ट नियम और इसके उद्देश्य:
15 जनवरी 2025 को "कानूनी मेट्रोलॉजी (भारतीय मानक समय) नियम, 2025" का ड्राफ्ट सार्वजनिक परामर्श के लिए जारी किया गया। इस परामर्श अवधि के तहत 14 फरवरी 2025 तक सुझाव मांगे गए हैं। इन नियमों के तहत IST को पूरे देश में अनिवार्य समय मानक के रूप में लागू करने का प्रस्ताव है।
प्रमुख प्रावधान:
- IST को अनिवार्य बनाना: सभी कानूनी, प्रशासनिक और व्यावसायिक गतिविधियों को IST के साथ अनुकूलित करना।
- सिंक्रोनाइजेशन दिशानिर्देश: नेटवर्क और प्रणालियों के लिए समन्वय सुनिश्चित करने के दिशा-निर्देश।
- साइबर सुरक्षा उपाय: समय प्रबंधन प्रणालियों को साइबर हमलों से बचाने के लिए प्रोटोकॉल।
- वैज्ञानिक अपवाद: अनुसंधान और नेविगेशन के लिए सरकार की पूर्व अनुमति के साथ छूट।
- नियमों का अनुपालन: नियमित ऑडिट और उल्लंघन पर दंड।
लाभ:
ये नियम वित्तीय लेनदेन को सटीक बनाएंगे, आपातकालीन प्रतिक्रिया समन्वय में सुधार करेंगे और सार्वजनिक परिवहन के शेड्यूल में एकरूपता सुनिश्चित करेंगे। यह उद्योगों के संचालन को अधिक कुशल बनाएंगे, विनिर्माण प्रक्रियाओं को सिंक्रोनाइज़ करेंगे और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देंगे।
सरकार द्वारा इन नियमों को लागू करना "एक राष्ट्र, एक समय" के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह तकनीकी प्रगति, आर्थिक दक्षता और रणनीतिक सुरक्षा के लिए आधारशिला साबित होगा।
Posted By: Gurjeet Singh