"सभी राजनीतिक दल अपने सदस्यों के लिए सदन में आचार संहिता तैयार करें," लोकसभा अध्यक्ष।
- राष्ट्रीय
- 21 Jan,2025
लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने पटना में आयोजित 85वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन (AIPOC) के उद्घाटन समारोह में सदन की कार्यवाही में योजनाबद्ध व्यवधान, बैठकों की घटती संख्या और सदन की गरिमा के क्षरण पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सदन बहस और चर्चा के लिए होते हैं, और सांसदों से अपेक्षा की जाती है कि वे जनता की उम्मीदों और आकांक्षाओं को पूरा करें।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि विधायिकाएं अपनी बैठकों की संख्या में गिरावट के कारण अपने संवैधानिक कर्तव्यों को पूरा करने में विफल हो रही हैं। उन्होंने सांसदों से अपील की कि वे राष्ट्रीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने और संसदीय समय का कुशल उपयोग सुनिश्चित करें।
आचार संहिता की मांग:
श्री बिरला ने सुझाव दिया कि सभी राजनीतिक दलों को अपने सदस्यों के लिए सदन में आचरण के लिए एक आंतरिक कोड ऑफ कंडक्ट तैयार करना चाहिए ताकि लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान हो। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों को अपनी विचारधारा व्यक्त करते समय स्वस्थ संसदीय परंपराओं का पालन करना चाहिए और संवैधानिक मर्यादा को बनाए रखना चाहिए।
तकनीक और पारदर्शिता की आवश्यकता:
श्री बिरला ने कहा कि संसद और विधानसभाओं को और अधिक प्रभावी और जनसुलभ बनाने के लिए प्रौद्योगिकी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और सोशल मीडिया का उपयोग बढ़ाना चाहिए। उन्होंने बताया कि भारतीय संसद ने इस दिशा में कदम बढ़ाए हैं, और इसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं।
एक राष्ट्र, एक विधायी मंच:
लोकसभा अध्यक्ष ने घोषणा की कि 2025 तक "एक राष्ट्र, एक विधायी मंच" की अवधारणा को वास्तविकता में बदल दिया जाएगा। यह मंच सभी विधायी निकायों को एकजुट करेगा और समन्वय को बढ़ावा देगा।
संघीय ढांचे की स्वायत्तता:
श्री बिरला ने इस बात पर बल दिया कि राज्य विधानसभाओं की स्वायत्तता हमारे संघीय ढांचे का आधार है। उन्होंने कहा कि राज्य विधायिकाओं को अपनी नीतियां स्थानीय जरूरतों और जन अपेक्षाओं के अनुरूप तैयार करनी चाहिए।
संसदीय प्रक्रियाओं पर नई पुस्तक जारी:
इस अवसर पर, श्री बिरला ने प्रैक्टिस एंड प्रोसीजर ऑफ पार्लियामेंट का अद्यतन संस्करण जारी किया। यह संसदीय प्रक्रियाओं और नियमों को समझने के लिए एक मूल्यवान संसाधन है और जनप्रतिनिधियों और जनता दोनों के लिए उपयोगी है।
Posted By: Gurjeet Singh
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